विश्व पर्यटन दिवस विशेष: देवभूमि उत्तराखंड की पर्यटन गाथा

अक्सर पहाड़ों की चुप्पी में बजते कदमों की कहानी ही सबसे ज़्यादा बातें करती है। विश्व पर्यटन दिवस पर एक नज़र डालते हैं कि उत्तराखंड ने पर्यटन के क्षेत्र में कैसे प्रगति की है — आंकड़ों और नीतियों की रोशनी में।

तथ्यों की तस्वीर — 

पर्यटक आगमन (2023-24) लगभग 5.96 करोड़ पर्यटक/तीर्थयात्री उत्तराखंड आए।
चारधाम तीर्थयात्रा लगभग 56 लाख तीर्थयात्रियों ने 2023-24 में चारधाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) की यात्रा की।
राजस्व विकास पर्यटन विभाग के खर्चे और विकास कार्यों में वृद्धि—राज्य सरकार द्वारा पर्यटन और आर्थिक सेवाओं के अंतर्गत विकास खर्च ₹1,868.8 लाख (≈ ₹186.88 करोड़) दर्ज ‒ अनुमान अनुसार 2025-2026 की सी.ई.आई.सी. रिपोर्ट में।
विदेशी पर्यटक वृद्धि साल 2023 में विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 1.48 लाख, जो पिछले वर्षों की तुलना में करीब 89% वृद्धि दर्शाती है।
अन्य विशेष क्षेत्रीय आंकड़े • गढ़वाल डिवीजन में 5.39 करोड़ आगमन; कु्माऊँ में लगभग 57 लाख।

• हरिद्वार में सबसे ज़्यादा पर्यटक-पंथी थे (~3.70 करोड़)

• देहरादून, तेहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी जैसे जिलों में भी लाखों की संख्या में पर्यटक।

चुनौतियां और विकास पथ

पारिस्थितिक संतुलन (Carrying Capacity) की चिंता: कुछ लोकप्रिय तीर्थस्थल और हिल स्टेशन ‘टूरिस्ट प्रेसर’ की समस्या से जूझ रहे हैं। प्रशासन अब यह आंकलन कर रहा है कि कितने पर्यटक किसी स्थल स्थायी (sustainable) रूप से झेल सकता है।

बुनियादी सुविधाएँ व एक्सेसिबिलिटी: बेहतर यातायात संपर्क, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, रोपवे प्रकल्प, होमस्टे और पर्यटन-गाइड प्रशिक्षण जैसे उपाय तेजी से लागू हो रहे हैं।

धार्मिक पर्यटन का दबदबा: चारधाम यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि से धार्मिक पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

 संदेश : शासन और समाज के लिए

उत्तराखंड की प्राकृतिक और आध्यात्मिक धरोहरें अनमोल हैं, लेकिन उनका संरक्षण उतना ही ज़रूरी है जितना उनकी उपयोगिता। इस विश्व पर्यटन दिवस पर ज़रूरी है:

पर्यटन को पर्यावरण-अनुकूल, स्थिर एवं समावेशी बनाया जाए।

स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से शामिल कर, रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएँ।

पर्यटन बुनियादी ढाँचे में निवेश हो—सड़कें, स्वास्थ्य व्यवस्था, स्वच्छता, संचार नेटवर्क आदि में सुधार।

सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक विविधता को सुरक्षित रखते हुए, “ग्लोबल ट्रैवल मार्केट” में उत्तराखंड की पहचान और मजबूत की जाए।

By uk vani

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